Saturday, May 18th, 2024

आईआईटी, एनआईटी, त्रिपलआईटी में सवर्णों को मिलेगा दस फीसदी आरक्षण

भोपाल। 

देश के राष्टÑीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्टÑीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और त्रिपलआईटी के साथ केंद्र से अनुदान प्राप्त संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए दस फीसदी सवर्ण विद्यार्थियों को आरक्षण दे दिया गया है। राज्य में उक्त आरक्षण का लाभ देने के लिए तहसीलदार और पटवारी प्रमाण पत्र देने को तैयार नहीं हैं। इससे उन्हें आरक्षण सीटों का फायदा मिलना मुश्किल हो गया है। 

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीई) आईआईटी, एनआईटी, त्रिपलआईटी सहित राष्टÑीय स्तर के संस्थानों के साथ राज्य के इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला देने के लिए जेईई मैंस का एग्जाम दो पालियों में ले चुका है। अब जेईई एडवांस लेने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जेईई मैंस का रिजल्ट जारी होना शेष है। हालांकि विद्यार्थियों ने एक हजार रुपए देकर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। जेईई एडवांस में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को दस फीसदी आरक्षण का फायदा लेने के लिए गरीब होने का प्रकरण पत्र प्रस्तुत करना है, लेकिन राज्य में कोई भी तहसीलदार और पटवारी ये पत्र तैयार करने को तैयार नहीं हैं। इसकी वजह शासन द्वारा उन्हें ये प्रमाण पत्र तैयार करने के लिए आदेशित नहीं किया गया है। जबकि मप्र से लगे दूसरे राज्य में ये प्रमाण पत्र तैयार होने लगे हैं। इसलिए प्रदेश के सवर्ण विद्यार्थी आरक्षण की दस फीसदी सीटों पर अपनी दावेदारी नहीं कर पाएंगे। इससे उन्हें राष्टÑीय स्तर के सभी संस्थानों में प्रवेश लेकर निशुल्क पढ़ने का लाभ नहीं मिल पाएगा। दस फीसदी सवर्ण आरक्षण का लाभ देने के लिए यूजीसी, एनसीटीई और एआईसीटीई को पत्र भेज दिया गया है। इससे राज्य के विद्यार्थियों की सीटें पक्की हो गई हैं,लेकिन प्रमाण पत्र के अभाव में वे इसके लाभ से वंचित रह जाएंगे। 

दस फीसदी बढ़ेंगी सीटें 

आईआईटी, एनआईटी, त्रिपलआईटी सहित राष्टÑीय स्तर के संस्थानों को दस फीसदी सवर्ण आरक्षण की सीटों को बढ़ोतरी करने का आदेश जारी कर दिया गया है। अब उक्त संस्थान अपने कुल इंटेक की दस फीसदी सीटों की बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके लिएउन्हें पृथक से कोई इंतजाम नहीं करना होंगे। 

ये होंगी सवर्ण आरक्षण लाभ लेने की शर्तें 

एमएचआरडी के पत्र में चार तरह से सवर्ण आरक्षण लेने के लिए खास शर्तें लगाई हैं। इसमें विद्यार्थी के पालक की पांच एकड़ से कम जमीन होना चाहिए, उनकी साला आमदनी आठ लाख होना चाहिए, एक हजार वर्गफीट से कम क्षेत्रफल में मकान और फ्लैट होना चाहिए। नगर निगम की सीमा में दो हजार वर्गफीट का मकान होना चाहिए। 

आरक्षण संबंधी जानकारी लेने के लिए पाठक लिंक https://jeemain.nic.in/WebInfo/Handler/FileHandler.ashx?i=File&ii=34&iii=Y पर क्लिक कर सकते हैं। 

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